tag:blogger.com,1999:blog-1759175312730282063.post335797889541867656..comments2014-06-05T01:38:48.450-07:00Comments on अंतराग्नि ....: शाकुंतलम Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/13901035246780124491noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1759175312730282063.post-91421618003227697052013-04-26T14:10:03.016-07:002013-04-26T14:10:03.016-07:00मैं अक्सर
किसी न किसी के
प्रेम में
पड़ जाती हूँ
...मैं अक्सर <br />किसी न किसी के <br />प्रेम में<br />पड़ जाती हूँ<br />और फिर<br />काफी दिनों तक <br />रहती भी हूँ प्रेम में<br /><br />मुझे याद है<br />मेरा पहला प्रेम<br />मैंने उसे<br />गली के मुहाने पर <br />पहली बार देखा था<br />कुछ सात एक साल की थी <br />उसके पंजो से खून रिस रहा था<br />वह ठंड से कांप रहा था<br />मैंने उसे गोद में उठाया <br />और घर ले आई<br /><br />कोहराम सा<br />मच गया घर में <br />सबने यूँ हिकारत से <br />देखा मझे <br />जैसे कोई <br />घर से<br />भागी हुई लड़की <br />अपने प्रेमी के साथ<br />घर लौट आई हो<br />फिर सब कुछ वैसा ही हुआ था<br />जैसा प्रेम में होता है<br />दिन भर सोचते रहना <br />उसी के बारे में<br />अकेले में सोच कर<br />मुस्कुरा देना<br />उसके लिए सबसे लड़ना<br />और फिर झूठ बोलना<br />(तब मैंने झूठ बोलना सीखना शुरू ही किया था)<br />एक नाम भी रखा था उसका मैंने<br />हिंदी में ही था<br />तब कुत्तो के अंग्रेजी नाम<br />कम हुआ करते थे<br />टी बी वाली बुआ के<br />अलग किये गए बिस्तरों<br />में से चुराकर <br />एक कम्बल<br />मैंने बना दिया था उसका एक बिस्तर<br />और फिर वो सोता रहता था<br />और मैं रात भर<br />उठ उठ कर उसे देखती रहती थी<br /><br /><br />दूसरा प्यार भी मुझे<br />उसी गली पर बैठे<br />एक अधनंगे पागल के साथ हुआ<br />जो हर पेपर को उठा कर<br />हर आने जाने वाले से<br />कहता था<br />'वकील साहब मिली ग हमरे रगिस्ट्री क पेपर'<br />तब तक मैंने पक्का वाला<br />जूठ बोलना सीख लिया था<br />माँ को कहती थी<br />की कितनी भूख लगती है मझे<br />सुर तुम टिफिन में देती हो<br />बस दो पराठे?<br />माँ को क्या पता था<br />की एक पराठा तो मैं<br />गली वाले पागल के लिए <br />बचा कर ले जाती थी <br />जिससे अभी अभी <br />मझे प्रेम हुआ था <br /><br />फिर एक दिन खली था <br />गली का मुहाना <br />और कम्बल चुराकर <br />बनाया गया बिस्तर <br /><br />देखो तब से आज तक<br />मैं बार बार पड़ जाती हूँ<br />प्रेम में ये जानते हुए<br />की होशो हवाश में रहने वाला आदमी<br />पागल और कुत्ते से तो कम ही वफादार होगाmalinee bharathttps://www.blogger.com/profile/00618357841050704765noreply@blogger.com